कबाब पर शेर

 

कबाब-ए-सीख़ हैं हम करवटें हर-सू बदलते हैं जल उठता है जो ये पहलू तो वो पहलू बदलते हैं

  • अमीर मीनाई

#Sher #food #foodie #kebab


तारीख: 04.11.2025                                    साहित्य मंजरी टीम




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