भूख लगे तो रोटी की जात नहीं पूछते

 

"भूख लगे तो रोटी की जात नहीं पूछते" भावनाओं और सामाजिक सच्चाई को प्रदर्शित करने वाली एक ग़ज़ल है। ग़ज़ल को उभरते गायक और संगीतकार प्रेम मूर्ति (इंस्टाग्राम हैंडल: @premmurti) ने सुनाया है आप पूरी ग़ज़ल साहित्य मंजरी पर पढ़ सकते हैं Click here


तारीख: 25.10.2025                                    साहित्य मंजरी टीम




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