आँखों में इश्क़ का समंदर है क्या किया जाए
मेरे दिल का तू सिकंदर है क्या किया जाए ।
बसाया देश जिसने अपनी शहादत से
घर उनका ही जरजर है क्या किया जाए ।
जान अपनी बचाने छिपा मैं जिसके पीछे
हाँथ उनके ही खंजर है क्या किया जाए ।
कोशिशें लाख करता रहा हार मुझको मिली
दिल उनका जो पत्थर है क्या किया जाए ।
दब गए निर्दोष सारे भ्र्ष्टाचार रूपी पुल में
बड़ा ही ख़ौफ़नाक मंजर है क्या किया जाए ।
उनका कहना क्यू नही उपजता प्रेम फिर से
दिल अब हो गया बंजर है क्या किया जाए ।
इस वाट्सऐप औ फेसबुकिया जमाने में
बंद हो गया कबूतर है क्या किया जाए ।