जब भरोसा नही है सांसो का

 

जब भरोसा  नही  है सांसो का ।
क्या कहे फिर किसीके वादों का ।।

देखा है तौबा करते उनको अब,
 हाल मत  पूछना  दिवानो का ।।

बीते है सालो साल यादो में,
एक लम्हा न बीता यादो का ।।

कौन रहता है सच के साथ यहाँ,
बोलबाला है बेइमानो का ।।

तू जो होता था तो चमक थी अलग ,
 अब तो चेहरा भी उतरा ग़ज़लों का ।।

अश्क मिसरो में ढल गये मेरे ,
पढ़ के देखो हिसाब अश्को का ।।

देव जी पूछना है आपसे कुछ
 हाल कैसा है दिल के जख़्मो का ।।

चुप हो जाता हूँ हाल पर अपने ,
 हाल ऐसा है मेरे जख्मो का ।।

इतना ही था सफर मेरा के अब
 ख़त्म हूआ सफर ये सासो का ।।


तारीख: 15.06.2017                                     देव मणि मिश्र









नीचे कमेंट करके रचनाकर को प्रोत्साहित कीजिये, आपका प्रोत्साहन ही लेखक की असली सफलता है