हम तो समझते थे

हम तो समझते थे  हम एक उल्लू हैं।
जब रात घूमे  दिखे  अनेक  उल्लू हैं।।

इन उल्लुओं में भी कुछ फेक  उल्लू हैं।
सच्चे हैं जो  बाई  मिसटेक  उल्लू हैं।।

महफ़िल में उल्लू कि हर एक उल्लू हैं।
फर्जी है  डिग्री  जो  बी टेक  उल्लू हैं।।

इस दौरे  उल्लू  में  उल्लू  ही उल्लू हैं।
तुम ही नहीं उल्लू  इक सेक उल्लू हैं।।

फ़स्ल-ए बहाराँ है देखो निज़ाम उल्लू।
मुमकिन है सब जब तलक नेक उल्लू हैं।।


तारीख: 13.03.2024                                    निज़ाम- फतेहपुरी









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