सुनिए (नज़्म)

nazm sahitya manjari

सवाल किया है  तो जवाब भी सुनिए 
दबी आवाज़ों का इंक़लाब भी सुनिए

सिर्फ सिखाते ही मत रहिए बच्चों को
उन की निगाहों का ख्वाब  भी सुनिए

कितना रोक सकेंगे नदी  को बाँधों में
बलखाती पानी का रूबाब भी सुनिए

सब कुछ लिख डाला अमीरों के नाम
एक दिन गरीब का अभाव भी सुनिए

मर्द होके हर बात पे परेशाँ हो जाते हैं
सहमी हुई औरत का दबाव भी सुनिए

किस तरह से तुमको अच्छा ही सुनाए
हम से कभी तो कुछ खराब भी सुनिए


तारीख: 10.01.2024                                    सलिल सरोज




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