आजकल के हालात ऐसे हैं कि हम सब अपने-अपने घरों के पिंजरों में बंद से हैं. कुछ खुशनसीब हैं जो कि अपने चाहने वालों के साथ हैं। मगर बहुत से ऐसे भी हैं जो अकेले अपने घर, शहर से दूर, बंद छोटे कमरों में दिन भर बस खिड़की निहारने को मजबूर हैं।
इस अचानक से थमी जिंदगी में हम सब किसी न किसी खास दोस्त, साथी को बहुत याद करते हैं और उनसे मिलने के इस अंतहीन इंतजार में कुढ़ रहे हैं, उन्हें फ़ोन लगाते हैं, घंटो बातें करते हैं और दोबारा मिलने का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। इन दूरियों के ग़म को हमारी रोजमर्रा की रुकी हुई जिंदगी और परेशानियों ने और भी बढ़ा दिया है।
इस मानसिक घुटन के माहौल में पेश है उन सभी चाहने वालों के नाम चंद शेर जो बड़े शायरों ने इन्ही दूरियों और जुदाईयोँ के दर्द को बखूबी बयान करते हुए लिखे हैं ।
हम उम्मीद करते हैं की आप अपने चाहने वालो से जल्द से जल्द मिल पायें।
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