हरसिंगार

मैं तो चमेली का फूल बनूंगी ,ऐश्वर्या बोली ।

अच्छा ,मैं तो गेंदें का फूल सलोनी ने कहा ।

और मैं तो गुलाब मनीता ने कहा ।

मैं तो हरसिंगार बनूँगी  टीना ने कहा ।

विद्यालय में यह बात कर रही बच्चियों को शिक्षिका ने सुना तो वह सबसे पूछ ही बैठी ,क्या सोचकर यह फूल बनने का सोचा जरा में भी तो जानूं ?

झट से ऐश्वर्या बोली चमेली के फूल में बहुत अच्छी खुशबू आती है और मैं वैसे ही महकना चाहती हूं ।

अरे! गेंदें के फूल का रंग कितना प्यारा लगता है और वह बहुत ही नरम मखमल जैसा होता है इसलिए मुझे बहुत पसंद है,सलोनी ने कहा ।

गुलाब सारे फूलों में सबसे सुंदर फूल है और उसको सभी पसंद करते हैं बच्चों से लेकर बूढ़े तक इसलिए मै गुलाब जैसा बनना चाहती हूं मनीता बोली ।

अब तो टीना का ही जवाब आना शेष है शिक्षिका बोली ।

जी मेडम मैं हरसिंगार जैसा बनना चाहती हूं और उसे अपने जीवन में उतारना चाहती हूं।

जीवन में वो कैसे ? शिक्षिका ने पूछा 

मेडम हरसिंगार का पौधा बहुत गुण वाला होता है। उसका हर हिस्सा लाभकारी होता है । तना,पत्तियां और तो और फूल भी कितना सुंदर होता है और गुणकारी इसलिए मै पारिजात अर्थात हरसिंगार के जैसा बनना चाहती हूं ।टीना ने अपनी बात को रखा ।

शिक्षिका बच्चियों के उत्तर सुनकर प्रसन्न हुई पर टीना के उत्तर ने उनका मन मोह लिया और वह मन ही मन बोली हरसिंगार जैसा तो सभी को होना चाहिए।


तारीख: 17.03.2025                                    शिल्पी मेहरोत्रा शिवान




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