अन्धभक्त

    ( मनहरण कवित्त छन्द )

     

 

               अन्धभक्त

 

 

अन्धभक्त अत्यधिक अत्याचारी अमानव,

अंधेरा अमावस सम सारे संसार करत।

तर्कशीलता तमीज़ तजते तुम तमाम,

अन्धविश्वासी अज्ञानी पाखण्ड प्रसार करत।

टोना-टोटका टपोरियों पर पूरा विश्वास,

विज्ञान विवेक विहीन वे कोरा कोप करत।

विकास विरोधी व्यभिचारी विमन्दित व्यक्ति,

“मारुत” मूरख धमकाते धर्म-धन्धा करत।।

 

 

     

 

 


तारीख: 01.08.2025                                    पवन कुमार "मारुत"




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