बेटे भी बेटियों से कम नहीं होते


बेटे भी बेटियों से कम नहीं होते
ये और बात है कि वे
सबके सामने
आंखे नम नहीं करते!


हास्टल जाने को पैकिंग करते
छूटते परिवार को देख
मन ही मन फूटकर रोते !
फिर भी सबके सामने
आँखें नम नहीं करते !


नहीं डालते मां के गले मेें बांहें
बस, नमी आँख की कोर में सोख लेते !
फिर भी सबके सामने
आँखें नम नहीं करते!


खिलौने, बाइक, पोस्टर, बैट और बल्ले
छोड़ जाने की टीस मुस्कुराहट में दफन कर लेते !
फिर भी सबके सामने
आँखें नम नहीं करते !


घर,  मोहल्ला, गली, शहर छूटने का गम
बेपरवाही से बाल झटक हल्का कर लेते !
लेकिन फिर भी सबके सामने
आँखें नम नहीं करते !
सूटकेस मे किताबें और कपड़े सहेजते
भारी मन से कमरे की उदासी बांट लेते !
लेकिन फिर भी सबके सामने
आँखें नम नहीं करते!


करेंगे माता-पिता के सपने एक दिन पूरे
इसी उम्मीद में उनसे दूर जाने का गम नहीं करते !
बेटे भी दहलीज छोड़कर जाते हैं,
वे भी बेटियों से कम नहीं होते!
ये और बात है कि वे
सबके सामने
आँखें नम नहीं करते!


तारीख: 08.02.2020                                    सुजाता




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