फूल

किसी के माथे का चंदन हूॅं!

किसी के चरणों की धूल हूॅं!

बगिया में मुझे लगते हैं!

कहलाता में फूल हूॅं ।।

 

सुख दुख का में साथी हूॅं!

किस्मों में बहुजातीय हूॅं !

कई रंगों में दिखता हूॅं!

अलग-अलग मौकों पर,

बाजारों में बिकता हूॅं।।


तारीख: 05.07.2025                                    निधी खत्री




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