क्या झूठ लिखूं और क्या साच लिखूं,
बस यूंही कुछ बात लिखूं।
झूठे आंदोलन
हिसंक झड़पें
घुटती नारी
लुटती अस्मत
यही है हमारा भारत
अब इसकी क्या मैं बात लिखूं।
काला धन
उजले नेता
ढोंगी साधू
जनता चेला
यही है हमारा भारत
आस्तीन का सांप लिखू?
नये नये आरक्षण
नये नये शिक्षण
नयी नयी निति
नयी नयी रीती
बाँट दिया इस सब ने हमें
यही है हमारा भारत
अरे, इनके क्या विचार लिखूं।
जल भरे नैन
बच्चों का रुदन
टकटकी लगाये
भूखे चेहरे
यही है हमारा भारत
इस पल की क्या चीत्कार लिखूं?
मत दो "मत" इन बीमारो को,
आज कहतें हैं भाई भाई
कल कहेंगे,
तुम हिन्दू - तुम मुस्लिम,
करो लड़ाई।
यही है हमारा भारत
अब इसको क्या व्यव्हार लिखूं?
डर लगता हैं मुझे तो अब,
इस मुल्क के अति विशिष्ट देश प्रेमियों से
कहीं कर दे इसको लेकर
मेरे ऊपर भी कोई करवाई।
हाँ ऐसा ही हमारा भारत
इसीलिए बस चुप चाप लिखूं।
क्या झूठ लिखूं और क्या साँच लिखूं?