बातचीत

उसने कहा कॉफी पिओगे
मैने कहा नही, मुझे चाय पसंद है।
उसने चाय और कॉफी मिलाकर बनाई
अब ना वो चाय थी ना कॉफी।
उसकी ऐसी जिद
हैरानी और प्यार से भरती है मुझे।

उसने कहा चाय पीते वक़्त,
आवाज बहुत करते हो तुम।
मैने कहा हाँ आदत है
फिर उसने कहा 
ये आदत कभी मत छोड़ना 
चाहे मै भी कहूँ।

उसने कहा रुमाल क्यों नही रखते तुम,
मैने कहा आदत नही है।
उसने कहा हर वक़्त मेरे पास,
कॉटन का दुपट्टा नही होता है
आदत बदल लो अपनी।

उसने कहा फोन क्यों नही रिसीव करते हो तुम
मैने कहा
फ़ोन वाइब्रिशन मोड़ पर था
उसने कहा ये मोड़ बदल लो जल्दी
फ़ोन को रखो रिंगिंग मोड़ पर
और खुद को वाइब्रिशन मोड़ पर
आजकल तुम्हे महसूस नही कर पा रही हूँ मैं।

उसने कहा बाल बहुत छोटे रखते हो
फ़ौज मे भर्ती होने का कोई अधूरा सपना था क्या
मैने कहा
नही लम्बे बाल पसंद नही है।
उसने अनमना होकर कहा
कभी दूसरे की पसन्द का भी 
ख्याल रखना चाहिए तुम्हे।

उसने कहा तुम इतने बोरडम से क्यों भरे रहते हो
मैने कहा
भरा हुआ ही तो हूँ, खाली तो नही हूँ।
उदास होकर वो बोली थोड़ी जगह खाली करो,
मुझे आना है अभी इसी वक़्त।

उसने कहा मुझसे कभी मत मिलना
आज के बाद
मैने कहा
ठीक है जैसी तुम्हारी मर्जी 
वो गुस्से में भी हँस पड़ी और बोली
मेरी मर्जी की परवाह करने वाले से 
एक बार तो मिलना ही पड़ेगा


तारीख: 08.04.2024                                    रोहिताश बैरवा









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