तोड़ दिया दिल

तोड़  दिया दिल मेरा उसने खुद से अटैच करके
छोड़तें है क्रिकेट में फिल्डर ज्यूँ बॉल कैच कर के ।
इस कम्बखत इश्क़ ने मुझे अब कहीं का न छोड़ा
दिल और दिमाग को रख दिया है डिटैच कर के।
मंदिर,मस्जिद,चर्च औ गुरुद्वारे से भी खफ़ा हूँ मैं
क्यों मेरी जोड़ी बनाई गई  थी मिस मैच  कर के ।
अच्छा भला जी रहा था मैं बेहद खुशी से ज़िंदगी
रुलाया  गया है मुझे,गमों को मुझ से पैच करके ।
ये क्या बात है कि उटपटांग लिखने लगे अजय
उसके मुहल्लेवाले कहीं रख न दे डिस्पैच कर के ।


तारीख: 19.03.2024                                    अजय प्रसाद




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