जब प्यार करती ही थी, तो बताया क्यों नहीं
जब दिल दे ही दिया था, तो एक बार भी जताया क्यों नहीं
कैसे मैं समझता,अरे कैसे मै समझता
की तेरी वो हसीं, मेरे लिए प्यार की थी मेरे मज़ाक की नहीं
समझा कर ये बात, मझे सताया क्यों नहीं
जब प्यार करती ही थी, तो एक बार भी बताया क्यों नहीं
अरे मै रुक जाता, बस तू हंस कर कह देती
ये इश्क़ है, ऐसे इज़हार करके बताया नहीं जाता
सबके सामने इसे जताया नहीं जाता
और समझा कर ये बात, यू हीं सताया नहीं जाता