कल तक धान पर नज़र थी
और आज
पुआल पर हो गयी
कुछ बात तो हो गयी l
धान भोजन है
पुआल घास
इस पर न चर्चा हो सकती है
न वहस आज
जो बात हो भी गयी
वो गंभीर हो गयी
जाने में हो या अनजाने में
कुछ बात तो हो गयी l
उस सितम में
अंतर -आत्मा तुम्हारी
जो रोयी
या न रोयी
वाणी
जो मौन हो गयी
कुछ बात तो हो गयी
कल तक
धान पर नज़र थी
और आज
पुआल पर हो गयी
कुछ बात तो हो गयी