रेडिमेड

प्रेमी के लिए स्वेटर बुनती प्रेमिका
सलाईयों में फंदे इधर से उधर करते ,
मन ही मन जब उसके सीने के माप का 
अंदाजा लगाती है तो शर्म की लालिमा,
चेहरे से छिटक, ऊन के रेशों में उतर,
स्वेटर का रंग ज़रा सा और निखार देती है!
हर बार पूरी होकर उतरती सलाई 
प्रेमी से मिलने की उम्मीद की ओर 
एक कदम और बढ़ाती है 
कि जब प्रेमी उसके बुने स्वेटर को पहन 
स्वेटर के रोंओं की गर्मी के साथ
उसके प्रेम की ऊष्मा को भी अपने भीतर उतार
उसे अपने साथ महसूस कर पाएगा!
किसी भी प्रेमिका और प्रेमी के बीच 
एक अदद स्वेटर के संग बुना रिश्ता
उस रिश्ते को कभी उधड़ने 
और बदरंग नहीं होने देता !
क्योंकि वह जानता है ,
स्वेटर बुनने और बुने स्वेटर को पहनने में 
जिस सहनशीलता , अपनत्व 
धैर्य और प्रेम की आवश्यक्ता होती है,
वह रेडिमेड स्वेटर पहनने वाले प्रेमियों ने 
शायद कभी महसूस नहीं की होती!
और फिर रिश्ते बुनने में भी तो
यही स्वेटर बुनने वाली तरकीब ही तो 
काम किया करती है !
आजकल बुने हुए स्वेटरों का चलन कम हो गया है,
शायद तभी तो ये मुआ प्रेम भी 
रेडिमेड हो चला है!


तारीख: 22.02.2024                                    सुजाता गुप्ता









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