विजयी विश्व है चंडा डंडा,
ना लो रोटी से तुम पंगा,
जो पंगा ले आफत आए,
सोते जगते शामत आए,
ना कोई भी सूझे उपाए,
चाहे कैसा भी हो धंधा,
विजयी विश्व है चंडा डंडा,
ना लो रोटी से तुम पंगा,
उड़ते बाल बचे जो थोड़े,
रोजी रोटी चले हथौड़े,
रोटी ने माथे बम फोड़े,
हौले हौले कर सब तोड़े,
काम ना आए कंघी कंघा,
माथे बन दिखता है चंदा,
विजयी विश्व है चंडा डंडा,
ना लो रोटी से तुम पंगा,
रोजी रोटी सब मन भाए,
ना खाए जो जी ललचाए,
पर खाए तो जी जल जाए,
यही खुशी है यही है फंदा,
विजयी विश्व है चंडा डंडा,
ना लो रोटी से तुम पंगा,
काम करे जो भी पछताए,
बिना काम ना रहे उपाय,
बुद्धि मंदी बंदा मंदा ,
विजयी विश्व है चंडा डंडा,
ना लो भाई इससे पंगा,
ना लो भाई इससे पंगा,