शायरी में जान ,डाल रहा हूँ मैं हक़ीक़ते जहान डाल रहा हूँ मैं । हुस्नोईश्क़ पे लिखनेवाले हैं ढेरों बेबसों की दास्तान डाल रहा हूँ मैं।
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