तस्वीर

तस्वीर अतीत का आईना होता है,
यह हमारे यादों का बोझ ढोता है।
कब हँसे,कब रोये ?
क्या पाये,क्या खोये ?
कितने सपने संजोये ?
सबकुछ,सबकुछ इसमें दर्ज होता है।
तस्वीर अतीत का आईना होता है,
यह हमारे यादों का बोझ ढोता है।

हम तस्वीरों को रखते हैं बड़ा संभाल के,
गलती से भी खो जाये तो लगता है ऐसा,
जैसे ले गया हो कोई सीने से दिल निकाल के,
ये गवाह होते हैं हमारे बीते हुए साल के,
ये जबाब होते हैं हमारे कई सवाल के,
जानबूझकर तस्वीरों को कौन खोता है ?
तस्वीर अतीत का आईना होता है,
यह हमारे यादों का बोझ ढोता है।

देखकर अपनी पुरानी तस्वीरों को हम खो जाते हैं,
कभी हँसते हैं तो कभी रो जाते हैं ।
तस्वीरें दिखाकर बच्चों को अपने किस्से सुनाते हैं,
इसे देखकर जवानी के दिन याद आते हैं।
तस्वीर लेना इसलिए जरुरी होता है।
तस्वीर अतीत का आईना होता है,
यह हमारे यादों का बोझ ढोता है।

जब चला जाता है अपना कोई छोड़कर,
हमसे मुंह मोड़कर,
रिश्ते-नाते तोड़कर,
तब उसके तस्वीरों का ही बस सहारा होता है
तस्वीर अतीत का आईना होता है,
यह हमारे यादों का बोझ ढोता है।


तारीख: 26.02.2024                                    राजीव रंजन









नीचे कमेंट करके रचनाकर को प्रोत्साहित कीजिये, आपका प्रोत्साहन ही लेखक की असली सफलता है