तेरा प्यार भी मुझे नहीं रोक पायेगा

मुझे नहीं पता मां की मैं तुम्हे
अपने इन चंद शब्दो में कैसे
समेट पाऊंगी...

मुझे नहीं पता मां की तुम्हारे बिना
पांच मीटर की लंबी साड़ी में कैसे 
खुदको लपेट पाऊंगी??

 बचपन से लेकर आज तक मां
तुमने ही तो सब कुछ सिखाया है..
मुश्किल से मुश्किल वक्त में मुझे 
सही रास्ता  तुम्हीं ने तो दिखाया है..
ये जो जिंदगी मैं जी रही हूं इसे जीना
मां मुझे तुमने ही तो सिखाया हैं।

मुझे नहीं पता मां की मैं और कितने दिन
तुम्हारे साथ रह पाऊंगी..
ये ऐहसास तो मुझे हैं की मैं
एक दिन तुमसे दूर कर दी जाऊंगी..

डर दूर जाने का नहीं मां  तुम्हारे बिना 
अपने जीवन की कल्पना करने से लगता है.
जब भी सोचती हूं तुमसे दूर रहने की बात तो 
ये मेरा दिल बार बार मुझे ठगता है।

ना जाने मां मैं तुम्हारे बिना अपनी ये
नौसिखिया जिंदगी कैसे गुजारुंगी..
बस इतना कह सकती हूं मां जब भी 
कोई नया काम करूगी तो तू आ कर
मुझे करना सिखाए मैं तेरा रास्ता निहारूंगी..

मां तुझे छोड़ कर एक नया 
संसार मुझे बसाना है, 
कैसे करूंगी मैं वो सब 
तुझे ही मुझे सीखना है...
मैं बिल्कुल बेवकूफ हूं मां 
तुझे ही मेरी ज़िन्दगी का बेड़ा पार 
लगाना है...

तुम्हारे डांटने पर भी मां मेरा बेखौफ हंसते रहना
और  तेरा ये कहना
"की  जब तू मां बनेगी तब पता चलेगा"
ये शब्द उस दिन मुझे बहुत याद आएगा...
जब मेरा बच्चा भी मां जैसे में तुझे सताती थी
वैसे ही मुझे सताएगा।..

मैं उस दिन बहुत रोऊंगी जिस दिन 
तुमसे दूर जाने का मंजर आएगा,
लेकिन मां दुविधा ये है कि तब तेरा 
प्यार भी मुझे तेरे पास नहीं रोक पायेगा।


तारीख: 11.04.2024                                    काव्यांशी मिश्रा









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