यौवन मदिरा का प्याला

 

मदमस्त  जवानी  है   आयी
रग-रग में  मस्ती  है   छायी,
सतरंगी  दुनिया  रच -रचके
मन  फुल्ल  फिरे  मतवाला।
यौवन  मदिरा  का   प्याला।

सौरभ अनन्त  भरके   लाया
महकी  साँसें , बहकी  काया,
जैसे मिलिन्द हो  मत्त   फिरे
पी   मादक   रस  की  हाला।
यौवन  मदिरा   का   प्याला।

प्रिय अतिशय लगती है यारी
तन-मन यारों  पर  बलिहारी,
निर्मुक्त,  मदिर   यह   यौवन
मधुमास     सजाने     वाला।
यौवन   मदिरा  का   प्याला।

शत   नूतन   स्वप्न   दिखाता
बिन  मेघ   बरस   है   जाता,
चढ़ता   यह   नशा  रगों   में
छलकी    जैसे     मधुशाला।
यौवन   मदिरा  का   प्याला।
 


तारीख: 23.09.2019                                    अनिल कुमार मिश्र









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