नुपम छटा से परिपूर्ण पर्यटन स्थल-सवाई माधोपुर

दिल्ली से 350 किलोमीटर की दूरी पर स्थित मनोहारी दृश्यों से परिपूर्ण सवाई माधोपुर किसी भी पर्यटक के लिए आकर्षण का केंद्र हो सकता है।

 

Swai MADHOPUR
कई ट्रेनें हैं जो दोनों शहरों के बीच चलती हैं। दैनिक आधार पर, सवाई माधोपुर और नई दिल्ली के बीच 13 ट्रेनें चलती हैं। साप्ताहिक आधार पर, गिनती 11 तक शूट होती है।
सवाई माधोपुर नई दिल्ली ट्रेन अनुसूची जो सवाई माधोपुर से होकर गुजरती है;-

ट्रेन नं।नामप्रस्थान Stn (समय)आगमन Stn (समय)यात्रा समय
12953अगस्त क्र राज एक्सप्रेससवाई माधोपुर (06:28)एच निज़ामुद्दीन (10:55)4 ह 27 मी
12,471स्वराज एक्सप्रेससवाई माधोपुर (22:57)एच निज़ामुद्दीन (04:08)5 ह 11 मी
12,473सर्वोदय एक्सप्रेससवाई माधोपुर (22:57)एच निज़ामुद्दीन (04:08)5 ह 11 मी
12,475हापा जम्मू तवी एक्सप्रेससवाई माधोपुर (22:57)एच निज़ामुद्दीन (04:08)5 ह 11 मी
12477जाम जम्मू तवी एक्सप्रेससवाई माधोपुर (22:57)एच निज़ामुद्दीन (04:08)5 ह 11 मी
09,807कोटा जंक्शन एच निजामुद्दीन सुपरफास्ट स्पेशलसवाई माधोपुर (22:40)एच निज़ामुद्दीन (04:00)5 ह 20 मी
92,059कोटा जंक्शन जन शताब्दीसवाई माधोपुर (07:05)एच निज़ामुद्दीन (12:30)5 ह 25 मी
12059एच निजामुद्दीन जन शताब्दीसवाई माधोपुर (07:05)एच निज़ामुद्दीन (12:30)5 ह 25 मी
09,809कोटा जंक्शन एच निजामुद्दीन सुपरफास्ट स्पेशलसवाई माधोपुर (13:00)एच निज़ामुद्दीन (18:25)5 ह 25 मी
09,021जम्मू तवी स्पेशलसवाई माधोपुर (19:57)तुगलकाबाद (01:25)5 ह 28 मी
12964मेवाड़ एक्सप्रेससवाई माधोपुर (00:55)एच निज़ामुद्दीन (06:30)5 ह 35 मी
12415निजामुद्दीन एक्सप्रेससवाई माधोपुर (00:04)एच निज़ामुद्दीन (05:40)5 ह 36 मी
09,805कोटा जंक्शन उधमपुर स्पेशलसवाई माधोपुर (16:18)तुगलकाबाद (21:55)5 ह 37 मी
12903सुनहरी मल्हौरसवाई माधोपुर (12:30)एच निज़ामुद्दीन (18:35)6 ह 5 मी
04,091एच निजामुद्दीन एसी स्पेशलसवाई माधोपुर (17:35)एच निज़ामुद्दीन (23:50)6 ह 15 मी
22,633निजामुद्दीन एक्सप्रेससवाई माधोपुर (12:02)एच निज़ामुद्दीन (18:20)6 एच 18 मी
22,917हरिद्वार एक्सप्रेससवाई माधोपुर (04:00)एच निज़ामुद्दीन (10:35)6 ज 35 मी
12,911वलसाड हरिद्वार एक्सप्रेससवाई माधोपुर (04:00)एच निज़ामुद्दीन (10:58)6 ह 58 मी
09,307इंदौर जंक्शन बीजी जम्मू तवी सुपरफास्ट स्पेशलसवाई माधोपुर (04:00)दिल्ली सफदरजंग (11:30)7 ह 30 मी
12925पस्चिम एक्सप्रेससवाई माधोपुर (03:50)सब्ज़ी मंडी (11:21)7 ह 31 मी
29019मंडासोर कोटा जंक्शन मेरठ सिटी एक्सप्रेससवाई माधोपुर (21:15)एच निज़ामुद्दीन (05:25)8 एच 10 मी
19019देहरादून एक्सप्रेससवाई माधोपुर (21:15)एच निज़ामुद्दीन (05:25)8 एच 10 मी
09,303इंटरसिटी एक्सप्रेससवाई माधोपुर (04:02)दिल्ली सफदरजंग (12:15)8 एच 13 मी
19023फिरोजपुर कैंट जनता एक्सप्रेससवाई माधोपुर (03:20)नांगलोई (14:00)10 ह 40 मी

 

sWAI amDHOPUR

सवाई माधोपुर का इतिहास रणथंभौर दुर्ग के आस-पास घूमता है। विंध्य और अरावली से घिर रणथंभौर क़िले के बारे में अभी तक सही-सही पता नहीं चल पाया है कि इसका निर्माण कब हुआ था। इस क़िले की ताकत और दुर्गम रास्ता इसे शत्रुओं से सुरक्षा प्रदान करता था, विशेष रूप से दिल्ली और आगरा के शासक यहाँ पहुंचने में असमर्थ लगते थे। क़िले के प्रमुख शासक राव हम्मीर चौहान थे जिन्होंने 1296 के आसपास यहाँ शासन किया। क़िले का सुंदर वास्तुशिल्प, तालाब और झील इसके निर्माण के कला प्रेम और ज्ञान को दर्शाते हैं। क़िले का प्रत्येक हिस्सा भारतीय संस्कृति और दर्शन का प्रतीक है। क़िले के अंदर ऐतिहासिक महत्व के अनेक स्थान हैं जैसे :- गणेश मंदिर, जैन मंदिर, बादल महल, जँवरा-भँवरा अन्नागार, दिल्ली दरवाजा, हम्मीर महल, हम्मीर कचहरी, तोरण द्वार, महादेव छत्री, सामतों की हवेली, 32 खंबों वाली छतरी, मस्जिद आदि। सवाई माधोपुर जिले का रणथंभोर दुर्ग भारत के महत्वपूर्ण दुर्गों में से एक है। यह दुर्ग सघन जंगलों और सात पहाड़ियों के बीच चंबल नदी एवं बनास नदी से घिरा हुआ अभेद्य दुर्ग है।अरावली पर्वत श़ृंखला एवं विन्ध्याचल पर्वत श़ृंखला के मिलान बिंदु पर बना हुआ रणथम्भौर दुर्ग विश्व विरासत शामिल है। कंबोडिया के नामपेन्ह शहर में यूनेस्को की विरासत संबंधी वैश्विक समिति की 36 वीं बैठक में दिनांक 21 जून 2013 शुक्रवार को भारत का पहाड़ी दुर्ग रणथम्भौर का चयन किया गया वही इस दुर्ग के विश्व विरासत में शामिल होने के घटनाक्रम को विश्व में लाइव देखा गया और सराहा गया।

Jogi Mahal

यह पर्यटक स्थल सालों भर देशी और विदेशी सैलानियों से भरा-पूरा नज़र आता है । बेहतरीन पक्की सड़कें,आवाजाही के लिए अनेकों ट्रेन,रूकने और खाने के लिए अनगिनत होटल,वो भी सस्ते दामों पर और अक्टूबर से लेकर फ़रवरी तक का खुशगवार मौसम , नदी,पहाड़,जंगल,झरने,हरे -भरे खेत,छोटे-छोटे गाँव और यहाँ के मिलनसार आदमी,यह सब मिलकर सवाई माधोपुर दर्शनीय स्थल के रूप में एक शानदार विकल्प मौजूद करता है। दिल्ली से मात्र 4 से 5 घन्टे की यात्रा तय कर के शनिवार और रविवार दो दिन के लिए बेहतरीन टूर प्लान किया जा सकता है। दिल्ली के निज़ामुद्दीन रेलवे स्टेशन से शनिवार सुबह 4:50 की नन्दादेवी ट्रेन पकड़कर सुबह 9:45 में उसी दिन सवाई माधोपुर पहुँचे और रणथंभौर टाइगर रिजर्व की टिकट पहले से ऑनलाइन बुकिंग करके उसी दिन से पर्यटन शुरु कर सकते हैं। टाइगर रिजर्व के कर्मचारी पर्यटकों को उनके होटलों से आके ले जाते हैं। रिजर्व घूमने के लिए दो समय निर्धारित हैं - सुबह 9 से 12 तथा दोपहर 2 से 5 । रिजर्व को 10 जोन  में बाँटा गया है तथा जोन  6 और 10 में बाघ देखने के अधिकतम मौके होते हैं। इस रिजर्व में बन्दर,लंगूर,भालू,सांभर,चीतल,हिरण,नीलगाय,गीदड़,सियार,उल्लू,नीलकंठ,बगुला,सारस,पेलिकन और अन्य तरह के जानवर और पक्षी देखने को मिल सकते हैं । पूरे जंगल में सुनहले रंग के घास बिछे हैं। यहाँ विभिन्न तरह के पेड़-पौधे,झाड़,फलों के वृक्ष भी पाए जाते हैं। रिजर्व के अंदर  ही अरावली पर्वत श्रृंखला,झरनों,बनास नदी को भी अपनी आँखों में बसा सकते हैं।सवाई माधोपुर से 25 किलोमीटर की दूरी पर चम्बल सेंचुरी भी स्थित है जहाँ  आप घरियाल,सोंस,मांगुर मछली,कछुआ,घोंघा, सारस वगैरह देख सकते हैं और सबसे बेह्तर चम्बल नदी के किनारे बैठ कर ठंडी  हवा के झोंकों का आनन्द ले सकते हैं। आप इस बात से बिलकुल  बेफिक्र हो सकते हैं कि आपको यहाँ किसी तरह का व्यवधान का साम्ना करना पड़ेगा।इस मौसम के लिए सुबह गर्म कपड़ों की आवश्यक्ता होती है लेकिन दोपहर होते होते पर्याप्त गर्मी हो जाती  है। सवाई माधोपुर में खाने के लिए शाकाहारी और मांसाहारी दोनो ही तरह के खाने वालों के लिए बहुत सुविधाएँ हैं। मध्य प्रदेश के झाबुआ-धार जिले में मिलने वाले जोग्राफिकल टैग वाले "कड़क नाथ" मुर्गे के प्रसिध डिश का आनंद भी यहाँ लिया जा सकता है। इस मौसम में यहाँ के खेतों में सरसों और धान की बादशाहत होती है। खेतों की रंगत तो बस देखते ही बनती है। आप शाकाहारी हैं तो बाजरे की रोटी और सरसोंं के साग का लुत्फ उठा सकते हैं।आप यहाँ तक आए हैं तो दाल-बाटी चूरमा का स्वाद लेना न भूलें। सवाई माधोपुर में जिस चीज़ ने मेरा ध्यान सबसे ज्यादा आकृष्ट किया वह है-अमरूद के बगीचे। जिधर नज़र दौड़ाओ उधर ही अमरूद के बगीचे नज़र आते हैं । इलाहाबाद के अमरूद की तरह यहाँ के अमरूद भी बहुत मीठे और गुदेदार होते हैं।इलाहाबाद के अमरूद के बीज लाल होते हैं लेकिन यहाँ के अमरूद के बीज उजले होते हैं ।यहाँ के अमरूद विदेशों में भी इनके जूस के लिए भेजे जाते हैं। सवाई माधोपुर जाएँ  तो वहाँ  के अमरूद खाएँ  भी और अपने स्नेह्जनों के लिए लाएँ भी। स्मृतिचिंह के रूप में आप यहाँ के कारीगरों द्वारा हस्त निर्मित मोजरी ,बच्चियों के लिए छोटी-छोटी और प्यारी जूतियाँ, महिलाओं के लिए राजस्थानी घाघरा-चोली और दोस्तों के लिए बाघ के प्रिंट वाले कप,टी-शर्ट,टोपी,शिल्प ग्राम से साज-सामान  की वस्तुएँ ,रेफ्रीजरेटर पर चिपकाने लिए बाघ के मैग्नेट ले जा सकते हैं ।
तो  आप किस बात का इन्तज़ार कर रहे हैं। अपने बैग में दो जोड़ी कपड़े,एक जैकेट,एक कैमरा या अच्छे कैमरे वाला फोन और घूमने के जज्बे को पैक कीजिए और निकल पड़िए एक सुहाने सफर पर। यकीन मानिए ,आप निराश नहींं होंगे।


तारीख: 01.02.2020                                                        सलिल सरोज






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