मेरे घर में आपका स्वागत है

आइये, आज आपकी मुलाकात अपने प्यारे से, छोटे से, सपनों के घर से कराती हूँ. घर जिसे बहुत ही प्यार से सींचा है, जो हमारे दिलों की धड़कन है और हमारे प्रेम का मंदिर है.

तो चलिए मिलवाती हूँ अपने प्यारे से घर से. ये है घर का मुख्य द्वार, जिस पर बहुत ही सुन्दर बंदनवार से सुस्वागतम लिखा है, जहाँ हर आने वाले का दिल से स्वागत है. घर में प्रवेश से पहले हम अपने दुःख, चिंता और गम बाहर ही छोड़ देते है ताकि शांति से ख़ुशी ख़ुशी अंदर आ सके. ये है प्यारी सी चिड़िया की मधुर बोली वाली घंटी, जो बजते ही चहकने लगती है.

ये है मेरा ड्राइंग रूम, यहाँ खुशनुमा बैठक है, प्यारी सी महकती दीवारे,  रौशनी से भरा झालर, हर आने वाले का स्वागत करता है.

चलिए आगे बढ़ते है डाइनिंग रूम में, जहाँ खाने का स्वाद तो लिया ही जाता है साथ ही दिन भर के किस्से, सुबह से शाम तक के हसीं पल और विचार विमर्श होता है. अपनी अपनी समस्यांओं का समाधान भी होता है.

आइये मिलवाती हूँ बच्चों के कार्नर से, जहाँ वे अपने सपने बुनते है और उन्हें साकार करते है, मेज पर रखी किताबे और कमरे में फैले खिलौने मुझे उनके बचपन की यादों में ले जाते हैं.. उनकी मुस्कान भरी प्यारी सी फोटो फ्रेम देख कर ऐसा लगता है, जैसे कल की ही बात हो.

और ये है मेरा कमरा, मेरा सकूँन. जहाँ मैं और मेरा जीवन साथी दिन भर की थकान मिटाते है, दुःख सुख शेयर करते है और प्यार के पलों को महसूस करते है. सामने है ये आइना, जिस पर अपना अक्स संवारती हूँ और कार्नर पर है मेरी मेज, कुर्सी, डायरी और कलम.. जहाँ अपनी भावनाओं को, अपने मन की बातों को शब्दों के सृजन से उजागर करती हूँ.

ये है हमारा पूजा घर, जहाँ आस्था और विश्वास महकता है, सकारात्मकता की ज्योत जगती है और ईश्वर का शुक्राना होता है.

ये है छोटी सी बालकनी, इसके आगे है बड़ा सा पार्क. जहाँ से ठंडी हवाओं के झोंके, चिड़ियों की चेहचाहत, कोयल की कूकने की आवाज़ मन को लुभा जाती है . बालकनी में लगा झूला और साथ ही चाय की चुस्की अकेलेपन को दूर कर देते है.  छोटे छोटे पौधे और महकते फूल तरोताज़ा कर देते है.

ये है वाशरूम, जहाँ तन और मन दोनों की ही मेल साफ हो जाती है.

और ये है मेरे घर का सबसे हसीं स्थान, मेरा ड्रीम किचन. जहाँ मसालों से दोस्ती और और स्वाद का अनूठा समावेश है.किचन के कोने में छोटा सा मेरा किचन गार्डन, जहाँ धनिया हरी मिर्च और पुदीने की महक से पूरा किचन तरोताज़ा हो जाता है. प्यार से बनाया गया खाना दिल तक पहुँच जाता है . रसोई से निकलती खुशबू किसी की भी भूख बड़ा देती है. काम करते करते रसोई के बर्तनों और मसालों से कब दोस्ती हो गई पता ही ना चला. रोज़ नए नए और अलग अलग व्यंजन बनाना मेरी हॉबी है और साथ ही अपनी रेसिपी के ब्लॉग लिखना मुझे आंतरिक ख़ुशी देता है. माँ बाबूजी का अन्नपूर्णा का आर्शीवाद और पति और बच्चों द्वारा कहना की "आपके हाथों में जादू है", तो मन प्रफुल्लित हो उठता है.

तो ये ये मेरे सपनों का घर, आप भी सादर आमंत्रित हैं, तो आइये, मुझे दिल से ख़ुशी होगी.


तारीख: 16.02.2024                                    मंजरी शर्मा









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