आज जाने की जिद न करो

आज जाने की जिद न करो, एक ऐसा गीत जिसने सभी के दिलों को छुआ है। एक ऐसा गीत जो वक़्त के साथ उम्रदराज़ न होते हुए और भी कमसिन होती  सी दिखती है फिर चाहे फरीदा खानुम हो, हबीब वली साहब हो या रहमान,  सबने इस नज़्म को अपने अनुसार समझा और दुनिया के सामने गया।

वास्तव में ये नज़्म फैयाज़ हाशमी नें लिखा था लेकिन इस गीत को सबसे पहले प्रसिद्धि के मुकाम तक पहुँचाया हबीब वली साहब ने। इसके बाद फरीदा खानुम, आशा भोंसले, रहमान, शंकर टकर, शफकत अमानत अली जैसे कितने ही गायकों ने गाया है। इस गीत को राग यमन कल्याण में गाया जाता है!

संपूर्ण नज़्म :-
आज जाने की जिद ना करो
यूँ ही पहलू में बैठे रहो
हाय ! मर जायेंगे, हम तो लुट जायेंगे
ऎसी बातें किया ना करो
 
तुम ही सोचो ज़रा क्यूँ ना रोकें तुम्हें
जान जाती है जब उठके जाते हो तुम
तुमको अपनी कसम जाने जां
बात इतनी मेरी मान लो
 
वक्त की क़ैद में जिंदगी है मगर
चंद घड़ियाँ यही हैं जो आज़ाद हैं
इन को खो कर अभी जाने जां
उम्र भर ना तरसते रहो
 
कितना मासूम-ओ-रंगीन है ये समां
हुस्न और इश्क की आज मेराज है
कल की किसको खबर जाने जां
रोक लो आज की रात को
 
गेसुओं की  शिकन है अभी है शबनमी
और पलकों के साये भी मदहोश हैं
हुस्न-ए-मासूम को जाने जां
बेखुदी में न रुसवा करो

“आज जाने की जिद न करो”- 6 अलग अलग अंदाज़ में :-

१.    हबीब वली 

२.     फरीदा खानुम

३.    आशा भोंसले

४.    शफकत अमानत अली

५.    शंकर टकर

६.    रहमान


तारीख: 02.07.2017                                    कुणाल




रचना शेयर करिये :




नीचे कमेंट करके रचनाकर को प्रोत्साहित कीजिये, आपका प्रोत्साहन ही लेखक की असली सफलता है