रो रही थी आज विचारी गाँधी की तस्वीर हिंसक ही कर रहे थे अहिंसा पर तक़रीर । राम राज के नाम पे वर्षो होती रही है लूट जाने लोकतंत्र की कब बदलेगी तक़दीर ।
साहित्य मंजरी - sahityamanjari.com