साधू-संतो से नीचे भगवान् हो गए

साधू-संतो से नीचे भगवान् हो गए
मंदिरों से ऊँचे मकान हो गए ।

पुरानी पीढ़िया थीं श्रवण कुमार
आज के बच्चे शाहरुख़ खान हो गए ।

लहज़ा था कभी संस्कृति जहां की
लोग वहां के बदजुबान हो गए ।

छेड़ते है गली से गुजरती बेटियों को
बूढ़े भी अब हैवान हो गए ।

मर मिटे जो कभी प्रजा की रक्षा को
नेता हमारे बेईमान हो गए ।

हमारी पोशाक थी पहचान हमारी
बेशर्मी से गढ़े वो परिधान हो गए ।


तारीख: 16.06.2017                                    ऋषभ शर्मा रिशु









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