बस तेरा साथ

शाम की बारिश, चाय की प्याली और तेरा वो गाना बस
प्यार की नौकरी में मिल जाए इतना मेहनताना बस

नये लोग मिलें, शहर छूटा, दूरी दिल से बढ़ सी गयी
पर बंद नही है प्यार में तेरे, ख़ुद को आजमाना बस

शाम शुक्र की, सुंदर ग़ज़लें, और शराब सब एक तरफ
दूजी ओर मुझे देखकर, एक बार तेरा शरमाना बस

रात ढली, सपना टूटा, एक चाह मगर रही दिल में
सच हो जाए जो देखा था, तेरा मुझे अपनाना बस

सदा रहेंगे एक दूजे के , अगर तुझे फिर याद रहे
जीवन के हर सुख-दुख में मुझको गले लगाना बस


तारीख: 29.06.2018                                    कुणाल




रचना शेयर करिये :




नीचे कमेंट करके रचनाकर को प्रोत्साहित कीजिये, आपका प्रोत्साहन ही लेखक की असली सफलता है