नहीं लिखता मैं

नहीं लिखता मैं  गज़लें गाने के  लिए
हैं  सिर्फ़ ये बहरों को सुनाने  के लिए ।
कभी मात्रा मैनें गिराया नहीं  कयोंकि
बहरें तो हैं बस  लय  मिलाने के लिए ।
बहर में  लिखनेवालों को मेरा सलाम
लिखता हूँ  मैं  दिल  बहलाने के लिए ।
जिन्हें हो पसंद वो पढ़ें,करें  अलोचना
है नापसंद को रास्ता दिखाने के लिए ।
मैंने  किसी से कोई राय नहीं  मांगा है
न किसी से कहा मुझे अपनाने के लिए ।
अब कितना बकबक करेगा तू अजय
कौन  आ  रहा है तूझे  मनाने के  लिए ।


तारीख: 07.02.2024                                    अजय प्रसाद









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