टमाटर के भाव बहुत बढ़ गए हैं। एक न्यूज़ चैनल ने घोषणा किया की वो टमाटर साहब का इंटरव्यू लेने वाला है। ये सुनकर प्याज जल भूनकर पकौड़ा बन गया। प्याज ने सोचा - 'इन न्यूज़ वालों ने हमारा तो कभी इंटरव्यू नहीं लिया, ये कल के छोकरे टमाटर की हमारे सामने क्या बिसात है। सालभर पहले तक तो इसे कोई भाव नहीं देता था। लोग इसे अपने विरोधियों पे फेंकते थे। हम तो दशकों से आम आदमी को रुला रहे हैं और रुलाते रहेंगे। हमारे भाव भले ही काम हो जाए पर काटते समय तो फिर भी लोग रोएंगे ही। मेरे दादा परदादा विदेश जाकर कटे हैं ;हम खानदानी सब्जी हैं।
इधर टमाटर बहुत खुश था की उसका इंटरव्यू होने जा रहा है। वो इंटरव्यू की तैयारी करने लगा। इसके लिए उसने एक कोचिंग सेंटर भी ज्वाइन किया लेकिन अगले ही दिन छोड़ दिया क्यूंकि वहां स्नैक्स में टमाटर का सूप मिलता था। टमाटर ने एक प्रसिद्ध ड्रेस डिज़ाइनर को अपना सूट सिलवाने के लिए दिया। डिज़ाइनर ने मन कर दिया क्यूंकि वो पहले कवि था और लोगों ने उसपर खूब टमाटर बरसाए थे।
इंटरव्यू का दिन आ गया। टमाटर अपनी रोल्स रॉयस में न्यूज़ चैनल के स्टूडियो में पहुंचा। उसका रेड-कारपेट वेलकम हुआ।
इधर प्याज अपने छिलकों के साथ न्यूज़ चैनल के स्टूडियो में पहले से छिपा हुआ था।
इंटरव्यू शुरू हुआ।
न्यूज़ एंकर - 'आपके भाव अचानक इतने कैसे बढ़ गए?'
टमाटर - 'हमारी प्रसिद्धि नयी नहीं है। दशकों से विदेशों में हमारे नाम पे त्योहार मनाये जा रहे हैं। हम तो अब भी अंडर-वैल्यूड हैं।'
न्यूज़ एंकर - 'आपका प्याज के बारे में क्या ख्याल है?'
टमाटर - 'कौन प्याज ? वही जिसके पास सिर्फ छिलके हैं ?'
ये सुनकर प्याज गुस्से से लाल हो गया और आंसू गैस के गोले छोड़ने लगा। सभी की आँखों में आंसू आ गए। टमाटर भी प्याज पे अपनी पिचकारी छोड़ने लगा। सभी के कपड़े टमाटर के जूस से लाल हो गए। थोड़ी देर में प्याज को चक्कर आने लगा और वो बेहोश होकर गिर पड़ा। टमाटर भी बदहवास होने लगा। दोनों को अस्पताल में भर्ती कराया गया। प्याज को ३२ टाँके लगे। उसके बहुत सारे छिलके फट चुके थे। टमाटर को टमाटर का जूस चढ़ाया गया।
सरकार ने प्याज को आश्वासन दिया की उसके दाम भी बढ़ाये जाएंगे।
प्याज ने टमाटर को गले लगाया। दोनों में सुलह हो गयी।