बड़े नन्हों की कविता

पथ पर चल,

पग पग चल,

पथ पर पग पग चल,

पथ क्या है?

 

पग पथ है,

पग पग पथ पर चल।

प्रण कर बढ़,

क्षण क्षण बढ़,

प्रण कर क्षण क्षण बढ़,

प्रण क्या है?

 

क्षण प्रण है,

क्षण क्षण प्रण कर बढ़।

तप मे  जल,

पल पल भर,

तप मे पल पल जल,

तप क्या है?

 

पल तप है,

पल पल तप से भर।

मन को देख,

भ्रम को भेद,

मन के भ्रम को देख,

मन क्या है?

 

मन भ्रम है,

मन के भ्रम को भेद।

समय से मुक्त,

शून्य मे उठ,

समय से शून्य मे मुक्त,

मुक्त क्या है?

मुक्त शून्य है,

शून्य मे समय से उठ।


तारीख: 16.10.2025                                    सौरभ चटर्जी




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