आज देश में सब कहते हैं हो रहा है भ्रष्टाचार
कभी किसी ने सोचा कौन है इसका जिम्मेदार।
कभी रास्ते में पुलिस रोके और पूछे लाइसेंस है आपके पास
सबसे पहले हम ही कह देते देख लो काम हो जाये लेकर सौ या पचास।
कभी हम किसी कॉलेज में दाखिला लेने जाते हैं
पढाई हमारी काम न आये तो पैसों की ताकत दिखलाते हैं।
सरकारी नौकरी नहीं मिलती बिना पैसे ना कोई सुनबाई है
पैसे देकर नौकरी पाने की प्रथा भी हमने ही तो बनाई है।
लोग कहते हैं आज के नेता हैं भ्रष्ट उनमे है खोट
हम लोगों ही तो जाति, धर्म के आधार पर बाँटते हैं वोट।
भ्रष्टाचार विरोधी तंत्र जब भ्रष्टाचार मिटाते हैं
उसमें भी पैसे देकर हम अपना काम पहले करवाते हैं।
भ्रष्टाचार से होती है देश के विकास की रफ्तार मंद
हम सब मिलकर खत्म करें भ्रष्टाचार का गंद।
भ्रष्टाचार न पडे हम सब पर भारी
आओ मिलकर ले भ्रष्टाचार खत्म करने की जिम्मेदारी।