माँ तेरा शुक्रिया

माँ तेरा शुक्रिया 


माँ तेरी ही वो काया है, मुझ पर तेरा ही साया है
तस्सवुरे मुहब्बते रब, ज़मीं पर लाने का
माँ तेरा शुक्रिया ।


अपने अंदर संजोय रखा, कोख में नौ माह भिगोए रखा
दुनिया में मुझे लाने का
माँ तेरा शुक्रिया ।


जब मैं छोटा बच्चा था, हर तरीक से कच्चा था
आँचल में मुझे छुपाने का
माँ तेरा शुक्रिया ।


सार जग जब सोता था, हर रात मैं रोता था
गिला बिस्तर मुझसे चुराने का
माँ तेरा शुक्रिया ।


जब मैं भूख से रोता था, तेरी मौजूदगी का एहसास होता था
अपने अमृत से मुझे सीचने का
माँ तेरा शुक्रिया ।

जब कभी चोट लग जाती, दुआएँ तेरे होंठ लग जाती
मेरी इबादतों का तरीका बनने का
माँ तेरा शुक्रिया ।


तेरे दुपट्टे का ही तो साया है, हर बदनज़री से बचाया है
अपनी ज़ुबां का मुझे विर्द रखने का
माँ तेरा शुक्रिया ।

न जाने मेरी कितनी ख़ता है, ये तेरी मोहब्बत की अता है
क़ाबिल इंसां मुझे  बनाने का
माँ तेरा शुक्रिया ।


शायद मैं बड़ा हो गया हूँ, सिर्फ़ पैरों पर खड़ा हो गया हूँ
ख़ुद पिघलकर मुझे रौशन करने का
माँ तेरा शुक्रिया ।


सबका यक़ीन ऊठ गया था, ज़माना मुझसे रूठ गया था
फ़ीसब मेरा वक़ील बन ने का 
माँ तेरा शुक्रिया |


तेरी नवाज़िशों का ही तो फल है , के आज मेरा कल है
हर गुनाह को मेरे, ढाँक लेने का
माँ तेरा शुक्रिया ।


जब तक तु साथ रहेगी, ज़िंदगी में कुछ बात रहेगी
मेरी ज़िंदगी की, ज़िंदगी बनने का
माँ तेरा शुक्रिया ।


ये शमसो कमर ये शजरो हजर, ये दुनिया की बलंदी ये तरीक़े लचर
मुझे मेरी औक़ात में रखने का
माँ तेरा शुक्रिया |


किस किस एहसान को याद करूँ, किसको किससे अपवाद करूँ
दुनिया में लाया, जीना सिखाया
माँ तेरा शुक्रिया ।

मेरी नींदों का ख़्वाब बन ने का
मेरे सवालों का जवाब बन ने का


मेरी रातों की चादर बन ने का
मेरी बातों की आदर बन ने का


मेरे वजूद की आफ़ताब बन ने का
मेरे रातों का महताब बन ने का


माँ तेरा शुक्रिया


तारीख: 11.07.2017                                    सैय्यद अब्दाल (साक़ी)









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