राजनीति में मेरे दोस्त, गजब का भाईचारा है
सत्ता की चाहत में यहाँ, बेटा बाप से न्यारा है।।
विपक्ष में है तब तक, वह विकास का हत्यारा है
पक्ष में है तो भटक गया था, ये तो भाई हमारा है।।
जनता का खून चूसने वाला भी, यहाँ जन-जन का प्यारा है
कुछ भी करके वोट लाये, वो पार्टी की आँखों का तारा है।।
हर क्षेत्र में यहाँ, भ्रष्टाचार की मार है
सरकार हमारी फिर भी, गरीब और लाचार है।।
यूँ तो हर योजना को, घोटालों ने बिगाडा है
सत्ता में तो हर नेता,मासूस और बिचारा है।।
इन देश चलाने वालो को, कुर्सी ने चलाया है
आम जनता के हाथ मतदान, बस यही हथियार आया है।।
अपने हाथ आये तीर को, सम्भाल कर चलाना है
तोड कर इस भाईचारे को, अच्छी सरकार बनाना है।।
राजनीति में मेरे दोस्त, गजब का भाईचारा है
सत्ता की चाहत में यहाँ, बेटा बाप से न्यारा है।।