आजकल लोग किताबों से

आजकल लोग किताबों से
कम जुड़ते है और
मोबाइल पर समय
ज्यादा व्यतीत करते हैं
मोबाइल का है जमाना
हर काम को है
आसान से आसान बनाना
छोटा हो या बड़ा
सबको सिखाती है
कभी-कभी तो तंग आ
हैंग हो जाती है
देश - दुनिया की खबर से
अवगत कराती है
न्यूजपेपर की अब हमें
जरुरत नहीं
ये भी समझाती है
दोस्त - यार भी अब
इसने दे दिया
फेसबुक पे जो ऐड कर लिया
इसकी मोह - माया में
जो फंँस जाए
सुख - चैन भी
जाता नजर आए
घर को भी इसने
आॅफिस बना दिया
फुर्सत कहा जो
इक - दूजे संग मुस्कुरा लिया
निद्रा रानी भी आँखों से
दूर चली जाती
लवर्स की लव स्टोरी
जब चैट पर शुरू हो जाती
आजकल तो स्कूल भी
मोबाइल पर आया
संकट की घड़ी में
शिक्षा का साथ भी
इसी ने निभाया
घड़ी का स्थान
तो छीन ही लिया
टेलीविजन को भी
इसने पीछे कर दिया
साहित्य से लेकर
रसोई तक का ज्ञान
भी अब इसमें समाया
बच्चों की बौद्धिकता
का स्तर भी इसने बढ़ाया
इसकी लीला भी न्यारी है
बच्चे, बूढ़े, जवान
सबको प्यारी है
सही उपयोग इसका
विश्व - भ्रमण कराएं
गलत तो सीधे
कारागार पहुंचाएं।


तारीख: 20.02.2024                                    वंदना अग्रवाल निराली









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