दरवाज़े की घंटी बजा खिलखिलाकर दुबक जाएंगें,
खिड़की का कांच तोड़ बच्चे गेंद वापिस लेने आऐंगें !
बस कुछ दिनों की बात है !
गोलगप्पे के पानी में थोड़ा तीखा और डलवाऐंगे,
काला-खट्टा गोला बनवा फिर चटकारा लगाऐंगें !
बस कुछ दिनों की बात है !
सड़क पर चलते अजनबी से बेवजह हाथ मिलाऐंगें,
महीनों बाद अपनों को एकबार फिर से गले लगाऐंगेंं!
बस कुछ दिनों की बात है !
मुहल्ले के चबूतरे पर फिर से बाजियां ताश की सजाऐंगें,
ट्यूशन से घर लौटते बच्चे दुकान पर रुक पैटीज़ खाऐंगे!
बस कुछ दिनों की बात है !
रिक्शा-आटोवाले से मोल भाव कर सही दाम ठहराऐंगे,
बसों,ट्रेनों और हवाई जहाज से देश परदेश सैर को जाऐंगें!
बस कुछ दिनों की बात है!
पार्क होंगे गुलज़ार ,सूने पड़े झूलों पर फिर से पींगें बढ़ाऐंगे
बुढ़िया के बाल बेचेगा कोई, जलेबियां गर्मागर्म तुलवाऐंगें!
बस कुछ दिनों की बात है!
बारात निकलेंगी यारों की, बैंड पर नागिन-सपेरा बन लहराऐंगे,
जन्मदिन पर धूम मचाकर हैप्पी बर्थडे टू यू गाऐंगें!
बस कुछ दिनों की बात है!
स्कूलों में लौटेगी रौनक ,टिफिन की खुशबू से क्लास महकाऐंगें
बैक बैंचर्स से पंगा लेकर खडूस टीचर मन ही मन मुस्कुाऐंगें!
बस कुछ दिनों की बात है !
मेले लगेंगे बैसाखी वाले, दीवाली पर चिराग झिलमिलाऐंगें,
होली पर उड़ेगा अबीर- गुलाल , पतंगों से पेचें लड़ाऐंगें!
बस कुछ दिनों की बात है!
लौटेंगी चेहरों पर मुस्कुराहटें,कोरोना वारियर्स का सम्मान बढाऐंगें,
गलियों में होगी चहल-पहल, हम भारतवासी कोरोना पर विजय पाऐंगे !
बस कुछ दिनों की बात है !