हार में निराश न हो
जीत में उल्लास न हो
छाता वही है नभमंडल में
जिसके हताशा पास न हो ।
तू कर यकीं और सीखता चल
चाहे कोई साथ न हो
हार जाते वो जगत में
ख़ुद में जब विश्वास न हो ।
धैर्य ना खो , आस रख तू
ख़ुद में ही विश्वास रख तू
संघर्ष पथ में साथ जो दे
बस उन्हीं को पास रख तू ।
वो जवानी क्या जवानी
गर खून में उबाल न हो
कौन डरेगा उस सागर से
गर गर्भ में भूचाल न हो ।
पर्वतों को चीर के तू
रास्ता आर पार कर दे
मनु की संतान है तू
तैर समुद्र पार कर दे ।
नाकामी से ना घबरा
संघर्ष कर तू , सर उठा
तुझ में वो ताकत है जो
पत्थर को करतार कर दे ।