हमे लोग गरीब कहते है

हमे लोग गरीब कहते है
शहरो की गलियों में रहना और उनकी गंदगी उठाने को 
ये हमारा नसीब कहते है
जी हां, ये लोग हमे गरीब कहते है
अपना घर,गांव सब कुछ छोड़ कर 
शहरो में काम करता गरीब ही है
दुःख इस बात का है 
इन शहरो में भूख से, हर रोज मरता गरीब ही है 
तुम्हारे शहर,रास्ते हमने बनाये 
अब हमे ही तुम दूर जाने को कहते हो 
अफ़सोस, तुम खुद को अमीर 
और हमे गरीब मज़दूर कहते हो 
इंसानो की इंसानियत में, हमे तो आज भी नूर दिखता है 
अफ़सोस है शहरो की गलियों में 
तुम्हे बस आजकल बेबस और गरीब मज़दूर दिखता है 

 


तारीख: 14.04.2024                                    अंकित कुमार श्रीवास्तव




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