इंतजार

इंतजार भी एक इम्तिहान है,
इसमें तड़प, बेचैनी ,बेबसी का आलम,
सरोबार होता मन मिलन को है।
खत्म न होने वाला इंतजार।
अपनी सीमाएं बढ़ाता ही जाता,
ना कद्र है इसे किसी के जज्बातों की,
ना दर्द होता इसे किसी की भावनाओं का,
नाम ही अच्छा है इसका इंतजार।
जो करता इंतजार ,
वो जाने इसका अंतर,
दिल से एक आह निकल जाती,
करता जो इंतजार किसी का ,
उसकी पीड़ा हर पल बढ़ जाती।


तारीख: 17.02.2024                                    रेखा पारंगी









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