कसक आज भी है

तुम्हारे साथ और वक़्त न बिता पाने की कसक आज भी  है,
तुम्हारी गोद में सर रखकर न सो पाने की कसक आज भी है,
तुम्हारी आँखों में सब भूलकर डूब न पाने की कसक आज भी है,
तुमसे इश्क़ करने के बावज़ूद न बता पाने की कसक आज भी है 
 
कसक आज भी है कि तुम्हे चाहते रहे पर कह न पाये
 कसक आज भी है कि आह भरते रहे पर कह  न पाये
 कसक आज भी है कि काश तुम साथ होते
 कसक आज भी है कि कुछ दिन साथ में बीते होते    

तारीख: 22.03.2025                                    शीलव्रत पटेरिया




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