तुम्हारे साथ और वक़्त न बिता पाने की कसक आज भी है,
तुम्हारी गोद में सर रखकर न सो पाने की कसक आज भी है,
तुम्हारी आँखों में सब भूलकर डूब न पाने की कसक आज भी है,
तुमसे इश्क़ करने के बावज़ूद न बता पाने की कसक आज भी है
कसक आज भी है कि तुम्हे चाहते रहे पर कह न पाये
कसक आज भी है कि आह भरते रहे पर कह न पाये
कसक आज भी है कि काश तुम साथ होते
कसक आज भी है कि कुछ दिन साथ में बीते होते