वक्त बहुत हो गया है
कुछ नहीं मैं लिख पाया हूं
है राज़ दिल में ये कैसा
कुछ नहीं में बतलाया हूं।
विचार आते जाते हैं मन में
शब्दों में न रख पाया हूं
सोच-सोच कर शब्दों को मैं
वापस वहीं पर लौट आया हूं।
अल्फ़ाजो़ की कमी को लेकर
आज मैं कुछ घबराया हूं
कोशिश करके बहुत दिनों में
इतना सा ही कह पाया हूं।
वक्त बहुत हो गया है
कुछ नहीं मैं लिख पाया हूं
है राज़ दिल में ये कैसा
कुछ नहीं में बतलाया हूं।