मीरा के मन बसे कन्हैया

मीरा के मन बसे कन्हैया
बसे गोपाल के मन राधे
प्रेम अनूठा रोग है जिसमें
पी बिन लागे सब आधे।
कोई सुँदर तन देखे
कोई धन के पीछे दौड़ लगाए
पर जो ढूँढे प्रेम की लागी
मन से मन की धुन साधे।
जटिल नहीं पर बड़ा कठिन है
पिया प्रेम को पाना
हर कोई सजधज के रिझाए
पिया मगर सीधे-साधे।
जोग लगा है मुझको जो
उसे रोग कहे ये जगवाले
पर सब है ये जादू पिया का
मेरे ह्रदय से मन बांधे।


तारीख: 09.04.2024                                    जॉनी अहमद क़ैस









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