कैसी यह कहानी है कही नहीं जाती यह वीरानी जो अब सही नहीं जाती यह वह खुशबू है जो हवाओं में बिखर जानी है वही सुबह, वही शाम है तेरे बाद, ये तन्हा सी जिंदगानी है
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