मुझे तू

मुझे तू और तबाही के  मन्ज़र न दिखा
खोखले  इन्क़लाब  के समंदर न दिखा
भला होगा  खौफज़दा अब क्यों  कोई
मर  चुका है ज़मीर उसे खंजर न दिखा
सदमे में जम्हुरीयत है जहालत देखकर
सियासत में है कौन सितमगर न दिखा ।

 


तारीख: 11.02.2024                                    अजय प्रसाद









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