निर्वाचन

निर्वाचन फ़क़त इक प्रक्रिया नहीं ,
अपितु लोकतंत्र का महोत्सव है ।
इसके विधिवत आयोजन से ही ,
किसी देश का कल्याण सम्भव है ॥

कोई अकेला कुछ नहीं कर सकता ,
जनादेश सब करवाता है ।
अपने देश के भाग्य का,
मतदाता ही निर्माता है ॥

जो जैसा मतदान करेंगे ,
उन्हे वैसा ही प्रतिनिधि मिलेगा ।
उसके बनाये रास्तों का
अनुकरण सारा देश करेगा ॥

सहज ह्रदय से, निष्पक्ष होकर,
परीक्षण कर, मतदान करो ।
एक मत भी निर्णायक हो सकता है,
देश के निर्माण में योगदान करो ॥


तारीख: 19.06.2017                                    विवेक कुमार सिंह









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