परिवार

कौन अकेले रहे यहाँ,
ये दुखदायी संसार है।
मुझको जाना है वहीं,
जहाँ मेरा परिवार है।।

परिवार बिना ना खुशियाँ,
परिवार बिना ना आराम है।
बहुत हो गयी भाग-दौड़,
ज़िंदगी हो गयी हराम है।।

लौट अब चलो वापस,
अपने परिवार के पास।
वही है केवल अपना,
बाकी सब झूठी आस।।
 


तारीख: 23.02.2024                                    सोनल ओमर









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