कौन अकेले रहे यहाँ,
ये दुखदायी संसार है।
मुझको जाना है वहीं,
जहाँ मेरा परिवार है।।
परिवार बिना ना खुशियाँ,
परिवार बिना ना आराम है।
बहुत हो गयी भाग-दौड़,
ज़िंदगी हो गयी हराम है।।
लौट अब चलो वापस,
अपने परिवार के पास।
वही है केवल अपना,
बाकी सब झूठी आस।।