पर्यावरण दिवस

हवा सोच रही दवा को
देख रही नज़ारे धरा में
ज़हरीली हो गई है हवा
लेना होगा सबको दवा
ग़र न चेते समय से हम
नज़र न आयेगी ये धरा
हरे भरे वृक्षो को काटे
तमस सबको मारे चाटे
कंक्रीट के तो वृक्ष लगे
न देगे पाएंगे शुद्ध हवा
चाहे लेले ए. सी,कूलर 
मानुष तू जो लगवाले
मिलेगी नही शुद्ध हवा
मिलके आओ वचन ले
प्रकृति की हम हवा ले
धरा को हरा भरा करले
 


तारीख: 07.03.2024                                    आकिब जावेद









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