पन्नो मे इतिहास के, लिखा स्वयं का नाम !
दो हजार पंद्रह चला,.....यादें छोड तमाम !!
दो हजार पंद्रह चला, छोड सभी का साथ !
हमें थमा कर हाथ में, नये साल का हाथ !!
ढेरों मिली बधाइयाँ,........बेहिसाब संदेश !
मिली घड़ी की सूइंयाँ,ज्यों ही रात "रमेश"!!
मदिरा में डूबे रहे, ......लोग समूची रात !
नये साल की दोस्तों, यह कैसी सुरुआत !!
नये साल की आ गई, नयी नवेली भोर !
मानव पथ पे नाचता,जैसे मन मे मोर !!
नये साल का कीजिये, जोरों से आगाज !
दीवारों पर टांगिये, .नया कलैंडर आज !!
घर में खुशियों का सदा,. भरा रहे भंडार !
यही दुआ नव वर्ष मे,समझो नव उपहार !!
आयेगा नववर्ष में, ...शायद कुछ बदलाव !
यही सोच कर आज फिर, कर लेता हूँ चाव !!