तेरा ही सब कुछ बहना

तेरा ही सब कुछ बहना,
मायका नहीं घर ये हमेशा ही रहना,

त्योहारो पर ही क्यों,
कभी भी आजा, पूछ के क्या करना,

ये परिवार है तेरा पूरा,
सिर्फ भेंटों पे क्यों रुकना,

याद किया जाता है उनको,
भूल जाते है जिनको,

तू बसती है दिल रहती सोच में हमारी सदा,
तू अपनी है इस घर की,
सदा यही सोच रखना।।


तारीख: 30.06.2017                                    आकाश जैन




रचना शेयर करिये :




नीचे कमेंट करके रचनाकर को प्रोत्साहित कीजिये, आपका प्रोत्साहन ही लेखक की असली सफलता है