तेरा ही सब कुछ बहना,
मायका नहीं घर ये हमेशा ही रहना,
त्योहारो पर ही क्यों,
कभी भी आजा, पूछ के क्या करना,
ये परिवार है तेरा पूरा,
सिर्फ भेंटों पे क्यों रुकना,
याद किया जाता है उनको,
भूल जाते है जिनको,
तू बसती है दिल रहती सोच में हमारी सदा,
तू अपनी है इस घर की,
सदा यही सोच रखना।।