तेरी मुस्कान, प्रतिदिन प्रति-पल

तेरी  मुस्कान,  प्रतिदिन  प्रति-पल

मोहक  कोमल  निर्मल  चंचल

मेरी  हर  चुनौतियों  से  लड़ने  की,

हिम्मत  ताक़त  जुर्रत  क़ुव्वत।

 

सजा  रहता  है  प्रतिबिम्ब  सा  ह्रदय  में, 

तेरा  उत्साह  जीवन  को  समर्पण।

मेरी  नाकामियों  की  जीत  है  तू

मेरा उल्लास  मेरी  प्रीत  है  तू।

 

तुम्हे चाहने  वाले  कई  हैं,  परन्तु,

मेरी  प्यारी  मेरी  आली   सुमन्तु।

तेरी  पलकों  का  सुरमा  कह  रहा  है,

तेरी आँखें  में   बस  चेहरा  मेरा  है।

 

समय  बलवान,  गतिशील,  चल  है,

निकट  वियोग  का  अब  प्रीत  पल  है।

सफर में हिम्मत, ताक़त, जुर्रत, क़ुव्वत,

रहे  मुस्कान तेरी, प्रतिदिन प्रति-पल।


तारीख: 28.02.2024                                    सैय्यद मुजतबा अतहर









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